बॉलीवुड की बातें: 52 की उम्र में भी 18 बरस की कुंआरी कली सी हैं माधुरी दीक्षित, इसलिए कही जाती हैं धक-धक गर्ल

माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) का आज 52वां जन्मदिन है. फिल्म टोटल धमाल (Total Dhamal) और कलंक (Kalank) से अपनी दूसरी फिल्मी पारी शुरू करने वाली धक-धक गर्ल को देख तो उम्र भी जैसे अपना असर दिखाने से हिचक जाती है.

  |     |     |     |   Updated 
बॉलीवुड की बातें: 52 की उम्र में भी 18 बरस की कुंआरी कली सी हैं माधुरी दीक्षित, इसलिए कही जाती हैं धक-धक गर्ल
फोटो क्रिएटिव- तृप्ति शर्मा

Happy Birthday Madhuri Dixit: कहते हैं उम्र के साथ किरदार बदलता चला जाता है. लेकिन ये हीरोइन तो आज भी वही मनमोहिनी है. उम्र के 52वें साल में भी मुस्कराती वही चहक. शख्सियत में वही शोखी और अदाओं में वही खनक. वही धमक. तीन दशक तक सिनेमा (Bollywood Film) के परदे पर इसी रुतबे के साथ राज किया इस हीरोइन ने. लेकिन बात अब भी ऐसी है कि चाहने वालों का दिल एक आहट से ही धक-धक करने लगे.

आज बॉलीवुड की धक-धक गर्ल यानी माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit Birthday) का जन्मदिन है, जो उम्र के 52वें साल में कदम रख चुकी हैं. ये अरसा ग्लैमर की दुनिया में काम करने वाले किसी भी शख्सियत के लिए बेहद अहम होता है. हीरोइन के लिए तो खासतौर पर. क्योंकि ये वक्त होता है परदे पर किरदार बदलने का. लेकिन माधुरी को देख तो उम्र भी जैसे अपना असर दिखाने से हिचक जाती है. बेशक वो फिल्मों में एक लंबे अंतराल के बाद सक्रिय हुई हैं, लेकिन हुनर की मिसालें इतनी, माधुरी आज भी औरों के लिए एक कसौटी हैं.

उनका डांस. उनका नाज-ओ-अंदाज और इसकी बदौलत दिल थामे लाखों-करोड़ों दीवाने. इस पर ये हीरोइन तो आज भी इतराती है. अपने दीवानों की मुहब्बत में जैसे खुद को भूल जाती है. सिनेमा से जुड़े अपने ही अतीत के सुनहरे लम्हों में खो जाती है. उम्र के 52वें साल में भी बस जिक्र छेड़ने की देर होती है. ये मनमोहिनी अपनी उन्हीं अदाओं से लबरेज हुए जाती है.

मुंबई में पली बढ़ी माधुरी और फिल्मी लटके-झटकों से अंजान? ये कैसे हो सकता है. इसकी तो कल्पना भी बेमानी लगती है. तब तो और भी, जब परदे पर खुद माधुरी इसके हर कदम-ताल में परंगत दिखती है. मगर मुंबई की आम मिडिल क्लास फेमिली में पली-बढ़ी माधुरी अदाकारी के मायावी मुहावरे से कतई अलग थी. यूं कहें कि पूरी तरह अबोध.

साल 1984 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म अबोध के लिए चुने जाने तक माधुरी अंजान थी- उनकी अदाओं में बात कोई खास है. 17 साल की अबोध के रूप में फिल्मी परदे पर वो एंट्री माधुरी के ग्लैमर को 32 बरस पीछे ले जाती है. यही वो अरसा है- जिसमें परदे पर एक हीरोइन पुनर्जन्म होता है. एक सहमी-संकोची अबोध बाला का कायाकल्प सिनेमा की एक संपूर्ण औरत के रूप में होता है. और वो रुप जब परदे पर रंग लाया, तब दुनिया के साथ खुद माधुरी भी बस देखती ही रह गई. शुरुआत की 9 फिल्मों की नाकामी के बाद अदाओं का वो तेजाबी असर सबका मन मोह लेने वाला था.

साल 1988 की बात है. सिनेमा की दुनिया में माधुरी की एंट्री के 4 साल बीत चुके थे. 9 फिल्में रिलीज हो चुकी थी. लेकिन फिल्म तेजाब के एक, दो, तीन गीत के साथ 9 फिल्मों में सहमी सी दिखने वाली ये हीरोइन जैसे अपनी इमेज तोड़ने को बेचैन दिख रही थी. नृत्य कौशल के साथ बिंदास भाव-भंगिमाओं का मेल ऐसा बेजोड़ कि डाइरेक्टर एन चंद्रा भी दंग रह गए. कोरियोग्राफर सरोज खान ने तो उसी दिन कह दिया था- ये लड़की आगे चलकर बॉलीवुड की सबसे बड़ी डांस डिवा बनेगी.

देखिए, फिल्म तेजाब का वो मशहूर गाना एक, दो, तीन…

तेजाब का ये गाना सिर्फ उस फिल्म की तस्वीर ही नहीं, बल्कि तब तक 9 फिल्म करने के बावजूद बी-ग्रेड की हीरोइन माने जाने वाली माधुरी का भी किरदार बदल देने वाला था. हालांकि माधुरी ट्रेंड कथक डांसर थीं. मगर फिल्मी अंदाज में ऐसे बोल्ड स्टेप्स और वो भी भरी पब्लिक के सामने, माधुरी तो ये सुनकर ही घबरा गईं.

मुश्किल ये भी कम नहीं थी, कि पूरा गाना एक ही शिड्यूल में पूरा करना था. तब माधुरी को लगा ये फिल्म साइन कर उन्होंने एक और गलती कर दी है. लेकिन इस बार माधुरी ने इसी चुनौती के तौर पर लिया. सरोज खान से गुजारिश कर शूटिंग से पहले 15 दिन तक रिहसर्ल करने का फैसला किया. माधुरी इस गाने पर पूरे 15 दिन तक रोजाना 10 घंटे पसीना बहाते रहीं.

डांस के साथ जैसे माधुरी की सिनेमाई छवि को एक किरदार मिल गया. इस किरदार के साथ माधुरी हर फिल्मी लटके झटकों और ठुमकों को अपने रंग में रंगती चली गई. अपनी रौ में बहती माधुरी हर युवा दिल की धड़कन बन गईं. महज 2 साल के सफर में. फिल्म बेटा का गाना धक-धक करने लगा…तो इतना लोकप्रिय हुआ, कि माधुरी इसके बाद धक-धक गर्ल कही जाने लगी. डांस के साथ सेंसुआलिटी की कसौटी पर माधुरी एक एक पैमाना बन गई, जिस पर खरा उतरना खुद माधुरी के लिए चुनौती बनने वाला था.

देखिए माधुरी दीक्षित की जिंदगी बदल देने वाला धक-धक सॉन्ग…

माधुरी के सामने चुनौती सिर्फ एक अदाकारा के तौर पर अपनी पहचान बनाने की नहीं थी, बल्कि उस दौर की दो बड़ी अभिनेत्रियों श्रीदेवी और रेखा के बीच जगह भी बनानी थी. इन अभिनेत्रियों का जादू बेमिसाल अदाकारी के साथ बेहतरीन नृत्य की बदौलत सबके सिर चढ़कर बोलता था. वो जादू माधुरी को अपने हुनर में समेटना था. अपनी अदाओं में बिखेरना था. माधुरी गीत दर गीत जोखिम उठाती गई.

दिलचस्प ये भी कम नहीं था, कि डांस को लेकर माधुरी की लगन और इसकी बदौलत बनी छवि के हिसाब से हर फिल्म में माधुरी के लिए नए सिचुएशन लिखे जाने लगे. गाने बनने लगे. जैसे 1990 में आई फिल्म सैलाब का गाना, हमको आजकल है इंतजार…परदे पर फिल्माया गया ये ऐसा कोली डांस था, जिसमें हीरोइन के बाल पूरे गाने में खुले रहे. गाने का मुखड़ा भी हीरोइन कभी नहीं गाती. लेकिन माधुरी के साथ ये प्रयोग भी शाहाकार साबित हुआ. ये फिल्म तो हिट नहीं हुई, मगर 20 दिनों की प्रैक्टिस के साथ परफेक्ट डांस ने उस नाकाम फिल्म में भी ये गीत यादगार बना गया.

माधुरी के इस रूप में कमाल तो ये भी कम नहीं हुई, कि नृत्य के साथ अदाकारी भी निखरती चली गई. चेहरे पर मासूमियत और अदाओं में मदमस्त सी शोखी गीतों के बोल में उतरती चली गई. इस परफेक्ट मिक्स को सुभाष घई जैसे डाइरेक्टर पहले ही समझ चुके थे. 1989 में आई रामलखन फिल्म का गाना ओ राम जी बड़ा दुख दीना…सुभाष घई पहले सिर्फ फिल्म के एक सिचुएशन की तरह शूट करना चाहते थे. लेकिन तेजाब के बाद माधुरी का नृत्यांगना का रूप देख पूरा आइडिया ही बदल दिया.

देखिए, रामलखन फिल्म का गाना ओ राम जी बड़ा दुख दीना…

नृत्य के रंग में माधुरी एक बार जो अपने किरदार में आती, तो फिर लय नहीं टूटती. वो चाहे डिस्को हो या फिर ऐसा कोई फोक सॉन्ग. माधुरी के अंदाज में सबकुछ सहज होता चला जाता है. लेकिन चोली के पीछे क्या है…गाने ने तो माधुरी को मुश्किल में ही डाल दिया. गाने के द्विअर्थी बोल से लेकर उत्तेजक डांस का मसला सेंसर बोर्ड के साथ महिला आयोग तक पहुंच गया. विवाद इतना बढ़ा कि कई महिला संगठन माधुरी के खिलाफ उतर गए. शिकायत थी माधुरी जैसी स्टार ने ऐसा गाना करने से मना क्यों नहीं किया. इसके लिए माधुरी को माफी मांगनी चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. हां, इसके बाद गानों के चुनाव को लेकर संजीदा जरूर हो गईं.

हिंदी सिनेमा की लेडी अमिताभ कही जाने वाली हीरोइन माधुरी दीक्षित अपनी दूसरी पारी शुरू कर चुकी हैं. उनकी हाल ही में फिल्म कलंक और टोटल धमाल रिलीज हुई थी. दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल तो नहीं मचा पाईं, लेकिन माधुरी की शानदार अदाकारी दर्शकों को जरूर देखने को मिली. माधुरी दीक्षित की जिंदगी से जुड़ी अनकही कहानी अगली कड़ी में भी जारी रहेगी.

कभी इस फिल्म के लिए माधुरी दीक्षित को मिली थी सलमान खान से भी ज्यादा फीस!

अपनी दूसरी फिल्मी पारी में फिल्म कलंक के इस गाने से छा गईं माधुरी…

Exclusive News, TV News और Bhojpuri News in Hindi के लिए देखें HindiRush । देश और दुन‍िया की सभी खबरों की ताजा अपडेट के ल‍िए जुड़िए हमारे FACEBOOK पेज से ।

Story Author: मुकेश कुमार गजेंद्र

प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का समान अनुभव। सियासत, सिनेमा और समाज के बीच कुछ नया गुनने, बुनने और गढ़ने की कोशिश जारी। फिलहाल हिन्दी रश डॉट कॉम में बतौर संपादक कार्यरत।

mukesh.kumar@hindirush.com     +91 9004241611
601, ड्यूरोलाइट हाउस, न्यू लिंक रोड, अंधेरी वेस्ट,मुंबई, महाराष्ट्र, इंडिया- 400053
Tags: , , ,

Leave a Reply