Super 30 Movie Review: एकलव्य को महान बनाने में द्रोणाचार्य साबित हुए ऋतिक रोशन, टीचरों के लिए बड़ी सीख

अभिनेता ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) की सुपर 30 मूवी (Super 30) देखने से पहले फिल्म के बारे में आपको रिव्यू बता दें कि इस फिल्म की कहानी एक ऐसे दोणाचार्य की है जिन्होंने अर्जुन को नहीं बल्कि एकलव्य को काबिल बनाया। पढ़िए पूरा रिव्यू।

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Super 30 Movie Review: एकलव्य को महान बनाने में द्रोणाचार्य साबित हुए ऋतिक रोशन, टीचरों के लिए बड़ी सीख
सुपर 30 फिल्म का पोस्टर (फोटो इंस्टाग्राम)

फिल्म का नाम – सुपर 30

कलाकार – ऋतिक रोशन, मृणाल ठाकुर, पंकज त्रिपाठी, नंदीश सिंह

निर्देशक – विकास बहल

स्टार्स- 3.5 स्टार

आनंद कुमार की कहानी सच्ची और मन की अच्छी लगी

सुपर 30 (Super 30) फिल्म की कहानी शुरू होती है आनंद कुमार से (ऋतिक रोशन) जिन्हें एजुकेशन मिनिस्टर श्री राम सिंह (पंकज त्रिपाठी) (Pankaj Tripathi) मेडल दे रहे होते हैं उनकी गणितज्ञ की काबिलियत के लिए। लेकिन आनंद कुमार की निगाहें मेडल पर नहीं, बल्कि उस गरीब बच्चे के हाथों पर होती है जिसने किताब पकड़ रखी होती है। आनंद कुमार खूब पढ़ना चाहते हैं। अपनी मेहनत और बुद्धि के बल पर उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एडमिशन भी मिल जाता है पर पैसों की तंगी की वजह से एडमिशन नहीं हो पाता। गरीबी की वजह से ही आनंद कुमार की प्रेमिका ऋतू (मृणाल ठाकुर) (Mrunal Thakur) भी उन्हें छोड़ देती है। इस बीच आनंद को ऑफर मिलता है एक कोचिंग में टीचिंग करने का। आनंद की गरीबी दूर हो जाती है और उनके अच्छे दिन आ जाते हैं। लेकिन फिर उन्हें एहसास होता है कि वो सिर्फ राजा के बच्चों को ही राजा बना रहे हैं जबकि गरीबों के लिए कुछ करना चाहिए… और फिर आनंद कुमार शुरुआत करते हैं सुपर 30 की। गरीब बच्चों को पढ़ाने के बीच किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है आनंद कुमार को ये जानने के लिए आपको फिल्म देखने जाना होगा।

ऋतिक रोशन का अभिनय धमाल है

अभिनय के मामले में ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) आनंद कुमार के कैरेक्टर में पूरी तरह ढले नजर आ रहे हैं। हालांकि, कहीं कहीं ऐसा लगा जैसे बिहारी टोन जबरन थोपने की कोशिश की जा रही है। मृणाल ठाकुर ने अपनी छोटी से भी भूमिका में बेहतर प्रदर्शन किया है। हमेशा की तरह पंकज त्रिपाठी ने सभी का दिल जीत लिया है। बाकी सारे किरदारों ने भी अपना 100% दिया है।

विकास बहल का निर्देशन कमाल है

निर्देशन के मामले में विकास बहल ने खुद को फिर एक बार साबित किया है। आनंद कुमार ने गरीब बच्चों को रास्ते से उठाकर इंजिनियर बनने की कहानी को बहुत बखूबी बड़े स्क्रीन पर फिल्माया है। बच्चों और आनंद कुमार में जो जज्बा दिखना चाहिए वो दिखाने में विकास बहल सफल हुए हैं। हालांकि आनंद कुमार की जीवन से जुड़े विवादों को उन्होंने फिल्म से दूर रखा है। वैसे कलाइमेक्स और भी बेहतर हो सकता था।

इन डायलॉग पर खूब बजी तालियां

राजा का बेटा राजा नहीं रहेगा, आपत्ति से अविष्कार का जन्म होता है, जैसे डॉयलॉग दर्शकों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर देंगे।

वीडियो में देखें ऋतिक रोशन की फिल्म सुपर 30 का ट्रेलर 

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Story Author: धर्मेंद्र दुबे

मेरा नाम धर्मेंद्र दुबे है। फिल्म जगत की खबरें आप तक पहुंचना मेरा काम है। अजय देवगन ने मेरे लिए कहा था, 'तुम एक अच्छे पत्रकार ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी हो'।

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