थिएटर करने वाले इस रॉ एजेंट पर फिल्म बना रहे हैं राजकुमार गुप्ता, पाकिस्तानी सेना में बन गया था मेजर

सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्में 'नो वन किल्ड जेसिका' और 'रेड' बनाने वाले डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता की अगली फिल्म का नाम 'इंडियाज़ मोस्ट वांटेड' है। यह फिल्म थिएटर करने वाले 'रॉ' एजेंट रविंद्र कौशिक की कहानी है।

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थिएटर करने वाले इस रॉ एजेंट पर फिल्म बना रहे हैं राजकुमार गुप्ता, पाकिस्तानी सेना में बन गया था मेजर
'इंडियाज़ मोस्ट वांटेड' फिल्म रॉ एजेंट रविंद्र कौशिक की कहानी है। (फोटो- तरण आदर्श, ट्विटर)

जेसिका लाल मर्डर केस पर बनी फिल्म ‘नो वन किल्ड जेसिका’ और दो इनकम टैक्स रेड की सच्ची घटना को मिलाकर फिल्म ‘रेड’ बनाने वाले डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता एक बार फिर सच्ची घटना पर फिल्म बनाने की तैयारी कर चुके हैं। फिल्म का नाम है ‘इंडियाज़ मोस्ट वांटेड’ और यह फिल्म ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) के जांबाज एजेंट रविंद्र कौशिक के जीवन पर आधारित है। फिल्म फ्लोर पर जा चुकी है। माना जा रहा है कि यह फिल्म इसी साल के अंत में रिलीज होगी, हालांकि मेकर्स की ओर से अभी तक रिलीज डेट फाइनल नहीं की जा सकी है।

जब-जब देश के सच्चे सिपाहियों का जिक्र होगा तो ‘रॉ’ के सबसे दिलेर एजेंट कहे जाने वाले रविंद्र कौशिक का नाम जरूर याद किया जाएगा। एक ऐसा एजेंट जिसने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर दी। अब उनके जीवन पर बनने वाली फिल्म ‘इंडियाज़ मोस्ट वांटेड’ के जरिए देश उनके बारे में जानेगा। फिल्म के लिए राजकुमार गुप्ता ने रविंद्र कौशिक के परिवार से मुलाकात कर उनसे फिल्म बनाने की अनुमति ले ली है। राजकुमार के आग्रह के बाद अब परिवार भी चाहता है कि देश रविंद्र कौशिक के बारे में जाने।

कौन थे RAW एजेंट रविंद्र कौशिक?

थिएटर की दुनिया में मशगूल रहने वाले रविंद्र कौशिक पर जब ‘रॉ’ की नजर पड़ी तो उन्हें खुफिया एजेंसी का एजेंट बनाकर पाकिस्तान भेजा गया। रविंद्र ने अपना नाम बदला, अपनी पहचान बदली, यहां तक कि अपनी पहचान कायम रखने के लिए उन्होंने खतना तक करवाया था। रविंद्र ने कराची यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की और पाकिस्तानी सेना में शामिल हो गए। अपनी मेहनत और जज्बे के बल पर वह सेना में मेजर तक बन गए थे। साल 1979 से लेकर 1983 तक उन्होंने भारतीय एजेंसियों को काफी खुफिया जानकारी उपलब्ध करवाई।

तत्कालीन PM इंदिरा गांधी ने दिया था उन्हें ‘ब्लैक टाइगर’ नाम

रविंद्र कौशिक की जानकारी के बल पर भारत को हमेशा पाकिस्तान के नापाक इरादों का पता होता था और भारतीय सुरक्षाबल उनके मंसूबों को नाकाम कर देते थे। उनकी बहादुरी के लिए तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने उन्हें ‘ब्लैक टाइगर’ की उपाधि दी थी। 1983 में अगर भारत एक दूसरे एजेंट को उनसे मुलाकात के लिए नहीं भेजता तो शायद आज इतिहास कुछ और होता। भारत से भेजे गए एजेंट को पाकिस्तानी एजेंसियां पकड़ लेती हैं और वह पूछताछ में रविंद्र कौशिक का भेद भी उनके सामने खोल देता है। इसके बाद रविंद्र फरार हो जाते हैं और यह कहा जाता है कि उन्होंने जान बचाने के लिए भारतीय एजेंसियों से मदद मांगी थी, लेकिन किसी ने भी उन्हें बचाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। 2001 में मियांवली जेल में कैद रविंद्र कौशिक की टीबी और दिल की बीमारी के चलते मौत हो गई। जॉन अब्राहम की फिल्म ‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ को भी रविंद्र कौशिक के जीवन पर आधारित बताया जा रहा है। यह फिल्म 5 अप्रैल को रिलीज हो रही है।

देखिए ‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान का वीडियो…

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Story Author: राहुल सिंह

उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।

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