आखिर क्यों? 101 बरस बाद भी इंदिरा गांधी की कहानी सिनेमा की स्क्रीन से है नदारद

इंदिरा देश की शक्तिशाली बेटी, एक राजनेता, फैशन आइकन,सुपरवुमेन की विरासत मिलने के बाद भी बॉलीवुड ने कभी इन पर फिल्म नहीं बनाई...

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आखिर क्यों? 101 बरस बाद भी इंदिरा गांधी की कहानी सिनेमा की स्क्रीन से है नदारद

देश की आयरन लेडी इंदिरा गांधी की आज 101 बर्थ एनिवर्सरी है। इंदिरा गांधी की जिंदगी बहुत उतार-चढ़ाव भरी रही। उनका नाम आज उदारहण के तौर पर पेश किया जाता है। इसके बाद भी कभी किसी फिल्म निर्देशक ने उनपर फिल्म बनाने की जहमत नहीं उठाई। जबकि इंदिरा का जीवन एक सपने के साथ शुरू हुआ और मानों एक त्रासदी के साथ खत्म।

इंदिरा में पंडित नेहरू की इकलौती बेटी के रूप में सबकुछ था। वो देश की शक्तिशाली बेटी, एक राजनेता, फैशन आइकन,सुपर वुमेन की विरासत मिलने के बाद भी बॉलीवुड ने कभी इन पर फिल्म नहीं बनाई। उन्हें देश में भले ही इतनी लोकप्रियता मिली हो लेकिन फिल्म निर्देशकों की शायद वो ज्यादा फेवरेट नहीं थी। तभी तो जिस महिला की जिंदगी में इतने रूप देखने को मिले उसकी जीवन पर अभी तक किसी भी निर्देशक ने फिल्म बनाने की जहमत नहीं उठाई।

शायद क्योंकि उनका जीवन इतना रंगीन था कि फिल्म डॉयरेक्टर उसे स्क्रीन पर प्ले करने में फेल हो सकते हैं। हालांकि गुजलार ने अपनी फिल्म आंधी जो 1975 में सिनेमा में आई। उसमें राजनीतिक कहानी को बखूबी परोसा। इस फिल्म की कहानी में एक खूबसूरत लव स्टोरी को दिखाया गया। इसमें आरती देवी का किरदार होता है जो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनती है।

 फिल्म में दिखी इंदिरा की जैसी प्रेम कहानी 

इस फिल्म के किरदार को एक्ट्रेस सुचित्रा सेन ने बखूबी पर्दे पर उतारा। इस फिल्म की तुलना कहीं न कहीं इंदिरा गांधी से की गई थी। क्योंकि फिल्म में दिखाई गई आरती देवी, इंदिरा गांधी की तरह एक अमीर पिता के घर पैदा हुई है। वह राजनीति में प्रवेश करना चाहती है, ‘लोगों की सेवा करने के लिए, न कि अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए। उसको एक होटल मैनेजर (संजीव कुमार) के के साथ प्यार हो जाता है, जिससे अपने पिता के खिलाफ उससे शादी करने का फैसला करती है। इस फिल्म को इंदिरा गांधी की जिंदगी के ईर्द-गिर्द देखा गया था। हालांकि कभी खुलकर  फिल्म की कहानी उनके जीवन से नहीं जोड़ी गई।

जानिए इंदिरा गांधी से जुड़े अनकहें पहलू…

इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था।

इनका पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी था। उन्हें घर में प्यार से इंदु बुलाया जाता था।

इंदिरा को फिरोज से प्यार हो गया था। जबकि नेहरू को उनका ये रिश्ता कबूल नहीं था।

वर्ष 1942 में नेहरू के खिलाफ जाकर उन्होंने शादी कर ली।

42 वर्ष की उम्र में इंदिरा गांधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष बनी।

वर्ष 1966 में 24 जनवरी को भारत की तीसरी और पहली महिला पीएम बनी।

16 सालों तक इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री रहीं।

1975 में इंदिरा ने आपातकाल की घोषणा कर दी। 21 महीनों तक देश में आपातकाल रहा।

वर्ष 1971 में इंदिरा गांधी को साल में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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Story Author: कविता सिंह

विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।

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