अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती पर गूगल ने बनाया ये खास डूडल, जानिए कैसे कलम से लोगों के दिलों में बसी थीं लेखिका

कई खास पुरस्कारों से सम्मानित लेखिका अमृता प्रीतम की आज 100वी जयंती है। जानिए कैसे उन्होंने अपनी कलम के जरिए जीता था लोगों का दिल और कैसा रहा था उनकी जिंदगी का सफर।

अमृता प्रीतम पर बनाया गूगल डूडल (फोटो साभार- हिंदीं रश)

कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित लेखिका अमृता प्रीतम (Amrita Pritam Birth Anniversary) की आज 100 वीं जयंती है। अपनी कविताओं, उपन्यासों और निंबध से लोगों के दिल को छू लेने वाली अमृता प्रीतम का जन्म आज ही के दिन 31 अगस्त 1919 को गुजरांवाला, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनकी 100 जयंती पर उन्हें याद करते हुए गूगल  (Google) ने एक बेहद ही शानदार डूडल (Doodle) उनके नाम किया है। उनके नाम जो डूडल किया गया है, उसमें एक लड़की सूट सलवार पहने हुए कुछ लिखती हुई नजर आ रही हैं।

अमृता प्रीतम (Amrita Pritam Google Doodle) ने अपनी कविता ‘सुनेहरी’ के लिए  साहित्य अकादमी पुरस्कार (1956) जीता था। वो पहली ऐसी महिला थी, जिन्हें ये पुरस्कार मिला था। इसके साथ ही अमृता प्रीतम को  ज्ञानपीठ पुरस्कार (1981) से भी सम्मानित किया गया था। वहीं,  उन्होंने 31 अक्टूबर, 2005 को अंतिम सांस लेने से एक साल पहले पद्म विभूषण (2004) भी जीता था। अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवियात्री के तौर पर माना जाता है। उन्होंने अपनी जिंदगी में कम से कम 100 से ज्यादा किताबें लिखी हैं, जिनमें उनकी आत्मकथा रसीदी टिकट शामिल है। अमृता ने बेहद ही कम उम्र से लिखना शुरु कर दिया था।

यहां देखिए गूगल का अमृता प्रीतम पर बनाया गया डूडल

2002 के अंदर बॉलीवुड में उनके उपन्यास पिंजर पर एक फिल्म भी बनी थी, जिसमें लीड रोल के तौर पर उर्मिला मातोंडकर, मनोज बाजपेयी और संजय सूरी नजर आए थे। उनके उपन्यास पिंजर में भी भारत-पाकिस्तान बंटवारे की पृष्ठभूमि पर आधारित एक मार्मिक कहानी के बारे में बताया गया था। इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता था।

अमृता प्रीतम ने हिंदी और उर्दू में कई रचनाएँ भी लिखीं। उन्होंने अखिल भारतीय रेडियो के लिए भी काम किया और साहित्यिक पत्रिका नागमणि का संपादन किया था। 1986 में प्रीतम को राज्यसभा के लिए नामित किया गया था।

दीपाक्षी शर्मा :सभी को देश और दुनिया की खबरों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट जगत से रुबरु कराने का काम करती हूं। राजनीतिक विज्ञान का ज्ञान लेकर एमए पास किया है। मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा के बाद फिलहाल पत्रकारिता कर रही हूं।