Box office Collection: सिनेमाघरों में हेलीकॉप्टर ईला और फ्रायडे निकली फिसड्डी

काजोल की फिल्म हेलीकॉप्टर ईला और गोविंदा की फ्रायडे बड़े पर्दे पर रिलीज हुई थी। दोनों ही फिल्मों मे से किसी ने सिनेमाघरों में कुछ ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाया।

शुक्रवार को काजोल की फिल्म हेलीकॉप्टर ईला और गोविंदा की फ्रायडे बड़े पर्दे पर रिलीज हुई थी। दोनों ही फिल्मों मे से किसी ने सिनेमाघरों में कुछ ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाया। काजोल की फिल्म हेलीकॉप्टर ईला ने पहले मात्र 75 लाख की कमाई की थी। इसके बाद फिल्म की कमाई में थोड़ा इजाफा हुआ था। हालांकि बाद में कुछ ज्यादा अंतर नहीं देखने को मिला। फिल्म की अब तक की कमाई 3.05 करोड़ है।

वहीं गोविंदा की फिल्म की फ्रायडे की बात करें तो फिल्म ने अभी तक 1.10 करोड़ की कमाई की है। जबकि फिल्म का बजट 15 करोड़ है। फिल्म रिलीज के पहले दिन और उसके बाद वीकेंड में कोई खास कमाल नहीं देखने को मिला। हालांकि गोविंदा ने इस फिल्म से बड़े पर्दे पर कमबैक किया था।

तो सबसे पहले शुरुआत करते हैं काजोल की फिल्म हेलिकॉप्टर ईला की। बॉलीवुड में मां बेटे के रिश्ते को लेकर ना जाने कितनी ही फिल्में बनीं हैं। लेकिन काजोल की हेलिकॉप्टर ईला नए जमाने वाली मॉम और सन के बीच की बॉन्डिंग यानी मानसिकता के बदलाव की कहानी है। इसमें बदलते समय के अनुसार स्पेस की मांग की गई है। सिंपल सी बात बस ये है कि बेटे को अपनी लाइफ में मम्मी की हर बात में दखलअंदाजी नहीं चाहिए होती है। जोकि आज के जमाने में हमारे समाज का आइना भी है। खैर चलिए हम बात करते हैं सीधे फिल्म की कहानी पर…

फिल्म की कहानी सिंगल मदर ईला(काजोल) और उसके बेटे विवान(तोता रॉय चौधरी) पर ही अधारित है। ईला अपने बेटे को लेकर बहुत ज्यादा पॉजिटिव होती है। यानी कि जरूरत से ज्यादा ही केयर करती हैं। दोनों मां-बेटे की आपस में अच्छी बनती है। लेकिन बदलते वक्त के साथ मां का ये प्यार बेटे के लिए घुटन बन जाता है, और वो अपनी मां से अलग लाइफ जीना चाहता है। जिसमें उनकी दखलअंदाजी कतई न हो। इस सब के बीच खूब सारा मेलो ड्रामा देखने को मिलता है। ईला बेटे से अलग अपनी पहचान के लिए निकल पड़ती हैं। आगे क्या होता है, क्या ईला और उसके बेटे विवान के बीच बढ़ती दूरियां कम होती है! या ये एक दूसरे से दूर चलें जाते हैं। इसे जानने के लिए आपको देखनी होगी पूरी फिल्म।

फिल्म का स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स शानदार है। फिल्म में एडिटिंग थोड़ी फास्ट है। जिससे दर्शकों को बोरियत तो कतई महसूस नहीं होती। फिल्म में काजोल और तोता रॉय चौधरी के अलावा रिद्धि सेन, नेहा धूपिया और जाकिर हुसैन भी अपने किरदारों में जोरदार अभिनय करते हुए नजर आते हैं। फिल्म के गाने भी अच्छे हैं। हेलिकॉप्टर ईला इसी धागे की खूबसूरत कहानी है।

वहीं गोविंदा फाइनली पर्दे पर फिल्म फ्राइडे से कमबैक कर रहें हैं। इस फिल्म से ‘डॉली की डोली’ बनाने वाले डायरेक्टर अभिषेक डोगरा भी वापसी कर रहें हैं। फिल्म में एक्टर वरूण शर्मा नजर आएंगे। वहीं छोटे पर्दे में वीरा के किरदार निभाने वाली दिगांगना सूर्यवंशी इस फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू कर रहीं हैं। अभिषेक डोगरा ने फिल्म में कास्टिंग काफी अलग की है। चलिए फिलहाल आपको बताते हैं फिल्म की कहानी…

फिल्म दिल्ली में रहने वाले राजीव छाबड़ा (वरुण शर्मा) से शुरू होती है। जो कि पानी प्यूरीफायर बेचता है। लेकिन वो अपने इस काम से बेहद ही परेशान रहता है। क्योंकि उसका प्यूरीफायर बिकता ही नहीं है। इस जुगाड़ के चलते उसकी मुलाकात थियेटर के कलाकार गगन कपूर(गोविंदा) से हो जाती है। गगन शादीशुदा है लेकिन उनकी गर्लफ्रेंड बिंदु (दिगांगना सूर्यवंशी) है। वो भी शादीशुदा हीं हैं। फिल्म में मामला घर वाली बाहर वाली टाइप का होता है। फिल्म राजीव गगन और बिंदु के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। इस दौरान फिल्म में कई दिलचस्प मोड़ भी आते है। जिसको देखने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

फिल्म की कहानी पुराने जमाने के गोविंदा की कहानी से मिलती-जुलती है। अभिषेक ने फिल्म को डायरेक्शन अच्छा दिया है। कहानी में डॉयलॉग मजेदार हैं। जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे। फिल्म में वरूण ने शानदार अभिनय किया है। गोविंदा की कॉमेडी हमेशा की तरह मस्त है। फिल्म के गाने भी कुछ खास कमाल नहीं करते हैं। कुल मिलाकर अच्छे कलाकारों की दमदार एक्टिंग के बावजूद फिल्म की कहानी घिसी-पिटी साबित होती है।

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।